राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सरकार ने बंगला श्यामला हिल्स B-5 अलाट किया है, ये बात राजनीतिक द्रष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और रोचक है. वो इसलिए क्योंकि राज्यसभा सांसद को राजधानी में कोई बंगला करीब 18 साल बाद मिला है दूसरा ये कि उन्हें बीजेपी सरकार में महज 48 घंटों के अंदर मिलव गया.

कांग्रेस की कमलनाथ सरकार महज एक बंगले को लेकर सिंधिया को महीनों यहां से वहां घुमाती रही.

गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा. ऐसे में ये बात इन नेताओं को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ये कभी नहीं चाहते थे सिंधिया को भोपाल में कोई बंगला दिया जाए. अगर वे चाहते तो सिंधिया के लिए बंगला एक हफ्ते में तैयार हो सकता था लेकिन ऐसी मंशा कमलनाथ की कभी नहीं रही.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग को हिंट दिए थे कि सिंधिया को बंगला नहीं देना है. सिंधिया ने कमलनाथ सरकार आते ही चार इमली स्थित उस बंगले के लिए आवेदन किया था जो गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम अलाट था.

कमलनाथ ने इस आवेदन को गृह विभाग को भेज दिया, इस बात की जानकारी जैसे ही भूपेेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पहले ही लिख दिया था ये बंगला अप्रैल 2020 तक खाली नहीं कर सकते हैं ऐसे में ये बंगला भी सिंधिया के हाथ से नहीं निकल गया.

सिंधिया इस दौरान जब परेशान हुए और गृहविभाग के चक्कर काटे तो गृह विभाग ने उनसे कहा कि वो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लिंक रोड नंबर 1 वाला बंगला ले लें.

सिंधिया इस बंगले के लिए भी तैयार हो गए थे लेकिन आखिरी तक शिवराज सिंह चौहान ने भी ये बंगला खाली नहीं किया और इस बीच गृह विभाग ने ये बंगला नकुलनाथ को दे दिया, इस तरह ये भी बंगला सिंधिया के हाथ से निकल गया.

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