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लहरों से ड़रकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. इस कहावत को चरित्रार्थ कर दिखाया है उदयपुर के प्रताप नगर में रहने वाली एक युवती ने जिसने महज 26 साल की उम्र में ही RJS एग्जाम को उत्तीर्ण कर परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है.

युवती ने उन सभी लोगों के मिसाल कायम की है जो मुसीबतों का सामना ना करके किस्मत को कोसते रहते हैं. सोनल शर्मा जोकि गाय के तबेलों में गोबर उठाती थी, पिता के हर काम में हाथ बंटाने का काम करती थी.

सोनल ने इस दौरान राजस्थान न्यायिक सेव की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

हालांकि सोनल की कहानी एक फिल्मी कहानी की तरह है सोनल का कहना है कि उनकी सफलता के पीछे की बड़ी वजह है उनके पिता. जिन्होंने हर मोड प उनका सहयोह किया और उन्हें प्रेरित किया.

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सोनल अपने पिता के साथ गायों के तबेले में गोबर उठाने का काम करती थी जैसे-जैसे सोनल बड़ी हुई तो वो अपने पिता के प्रत्येक काम में सहयोग करने लगी. दूध निकालना, गोबर उठाना, साफ-सफाई करना, सोनल के जीवन का हिस्सा बन चुका था.

ऐसे में उसने काफी संघर्ष किया लेकिन इस दौरान उसने अपनी पढ़ाई को जारी रखा, आखिरकार उसने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. जब सोनल ने बीए एलएलबी में एडमिशन लिया तो वहां पर आने वाले जजों को देखकर उसने भी निश्चय किया कि वो भी एक दिन जज बनकर जरुर दिखाएगी.

सोनल के पिता की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. जिसकी वजह से सोनल को कोचिंग भी नहीं मिल सकी. लेकिन उसने अपने सपनों की उड़ान को जीवंत रखा. आज वो परीक्षा में सफलता हासिल कर चुकी है. सोनल का कहना है कि उसे लगातार दूसरे प्रयास के बाद सफलता हासिल हुई.

पहले जब उसने परीक्षा दी जो वो 3 अंको से सफल नहीं हो सकी थी इस दौरान उसे बेहद निराशा भी हुई थी. उसने असफलता को ही अपना ढाल बनाया और पूरे मन से तैयारी में लग गई. साल 2018 में वो एक बार फिर 1 नंबर से रह गई. लेकिन इस दौरान ईश्वर ने उसका साथ दिया, जब वेटिंग लिस्ट जारी हुई तो उसका चयन हो गया था.

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