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आज के इस बदलते दौर में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि जो काम वो कर रहे हैं वही काम उनका बेटा या बेटी भी करे. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो परिवार में पीढ़ियों से चले आ रहे काम को दरकिनार कर खुद अपने सपने बुनने का काम करते हैं और उन्हें पूरा करने के बाद ही दम लेते हैं.

आज भी लोग यही कहते हैं कि अगर पिता किसान है तो बेटा भी किसानी के ही गुण सीखेगा लेकिन कुछ लोग इन बातों को झुठलाने की कोशिश में दिन रात एक कर देते हैं और समाज में एक आयाम स्थापित करते हैं जिनसे आज की पीढ़ी को सीखने की जरुरत है. आज हम आपको ऐसी ही बेटी के बारे में बताएंगे जिसका सपना था आईएएस अधिकारी बनेंगे.

उत्तर प्रदेश के जलेसर से संबंध रखने वाली तान्या सिंह का जन्म किसान परिवार में हुआ था इनके पिता रवींद्र सिंह किसान और मां अध्यापिका है. उनके तीन छोटे भाई भी हैं, जिस गांव में तान्या रहती हैं वहां के लोग शिक्षा के महत्व को कम ही समझते हैं. इस गांव के लोगों को पढ़ाई लिखाई करना ठीक नहीं लगता है, यहां पर पढ़ाई करना ही किसी कठिन काम से कम नहीं है.

इस गांव में लड़कियों को घर से बाहर ही गलत माना जाता है. कुल मिलाकर देश शिक्षा व्यवस्था में चाहे जितना आगे बढ़ गया हो लेकिन इस गांव के लोगों के विचारों में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. लेकिन तान्या को पढ़ाई करने के लिए उनके घर वालों ने पूर्ण रुप से आजादी दी और उन्होंने भी अपने सपने को बुना और पूरा किया. तान्या अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देती हैं.

तान्या ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से की, आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने बीएचयू का रुख किया. स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद वो तैयारी के लिए दिल्ली आई. तान्या ने कठिन परिश्रम के बदौलत ही साल 2018 की पीसीएस परीक्षा में 30 वीं रैंक हासिल की. उनकी इस सफलता के बाद परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं था, अब वो इस समय IAS की तैयारी में लगी हुई है.

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