कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगभग ढाई महीने से जारी है. किसान इतनी भीषण ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं और सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं.

यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को लंबे समय तक चलने देना चाहती है, इसी वजह से वो अब हमसे बातचीत नहीं कर रहे हैं.

टिकैत ने आंदोलन को लंबा चलाने के लिए किसानों को नया फार्मूला सुझाया है. उन्होंने कहा कि अगर हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 लोग दस दिन के लिए आंदोलन में आ जाएं तो इससे आंदोलन लंबा चलेगा और हर किसान आंदोलन में शामिल भी हो सकेगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि दस दिन बाद वो किसान अपने गांव जाकर अपनी खेती की देखरेख करे और उसके बाद 15 लोगों का दूसरा जत्था आंदोलन में शामिल हो जाए. इससे गांव की खेती भी हो सकेगी और आंदोलन भी लंबा चल सकेगा, किसी को कोई दिक्कत भी नहीं होगी.

भाकियू नेता ने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से सरकार को किसानों से बात करने के लिए कहते रहेंगे, अब देखना है कि सरकार को किसानों से बात करने के लिए कब समय मिलता है.

टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को बढ़ाने के लिए हर प्रयास कर रही है, वो बातचीत नहीं कर रही है और दिल्ली की किलेबंदी कर रही है. उन्होंने कहा कि देखते हैं कि सरकार किसानों की कितनी परीक्षा लेती है.

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