कानपुर के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे और उससे जुड़े लोगों को लेकर आएदिन कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है. बिकरू कांड की पुलिस और एसआईटी जांच कर रही है. जांच में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि विकास का साम्राज्य संभालने को लेकर अमर दुबे तैयारी में जुटा था.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि अमर दुबे विकास का विकल्प बनने के लिए युवाओं की फौज खड़ी कर रहा था. कल्याणपुर के बिच्छू गैंग में भी उसका दखल था. वो युवाओं की बुलेट भी बना चुका था. जांच रिपोर्ट के मुताबिक विकास दुबे ने साल 1995 से ही बिकरू गांव में अपना दबदबा बनाना शुरू कर दिया था.
उस समय उसके गैंग में उसके परिवार के अतुल दुबे, संजू दुबे, प्रेम प्रकाश, गुड्डन त्रिवेदी समेत लगभग एक दर्जन लोग शामिल थे. कुछ दिनों के बाद संजू दुबे का बेटा अमर दुबे भी विकास के गैंग में शामिल हो गया.
कुछ ही दिनों में उसने विकास का भरोसा जीत लिया और उसके करीबियों में शुमार किया जाने लगा. वो थाने से लेकर तहसील और पंचायत का काम देखने लगा.
तकरीबन डेढ़ साल पहले जब विकास जेल में था तो अमर दुबे ने क्षेत्र में अपन दबदबा बढ़ाना शुरू कर दिया. अमर को पता था कि विकास दुबे को उम्रकैद की सजा हो गई है और उसका बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल है. विकास दुबे भी अपनी हनक बनाने के चक्कर में अमर का समर्थन करता रहा.
अमर भी विकास के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रहा था. वो चौबेपुर, शिवराजपुर जैसे इलाकों में युवाओं की नई टीम तैयार करने में जुटा था. घटना वाले दिन अमर विकास के साथ ही था. (साभार हिंदुस्तान)