कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों ने भारत बंद का आह्वाहन किया था. किसानों द्वारा बुलाए गए बंद का तमाम राजनीतिक दलों ने खुलकर समर्थन किया और देशभर में अलग अलग संगठन सड़कों पर उतरे और कृषि कानून का विरोध किया. भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला.

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में युवा चेतना ने नेता और कार्यकर्ता किसानों से समर्थन में सड़कों पर उतरे और कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.

युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि किसान सड़क पर 13 दिन से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और प्रधानमंत्री कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं. किसानों को भारत में भगवान माना जाता है और सनातनी प्रधानमंत्री ने भगवान को चौराहे पर खड़ा कर दिया है.

उन्होंने कहा कि काला कृषि बिल मोदी सरकार को वापस लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंबानी-अड़ानी के कहने पर ज़िद में आ गए हैं. मोदी सरकार किसानों की ज़मीन अंबानी-अड़ानी को देना चाहती है. मोदी सरकार भ्रम फैलाकर आंदोलन को कमजोर करना चाहती है.

रोहित सिंह ने कहा कि युवा चेतना पूरी ताकत के साथ किसानों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टीयों के आंदोलन से सरकार को इतनी बेचैनी क्यों है. मोदी सरकार हिटलरशाही की नीति पर चल रही है. संविधान ने हमें संघर्ष करने का अधिकार दिया है हम सरकार की ग़लत नीतियों के खिलाफ लड़ते रहेंगे.

इस मौके पर अजय राय मुन्ना, बच्चा सिंह, बैजू राय, जमाल हसनैन, जीशान अहमद अंसारी, सैफ नवाज, नकुल राय, अजय ओझा, चमचम तिवारी, सन्नी तिवारी, आलोक राय, राहुल यादव, आदित्य चौबे, रामजी पांडेय आदि उपस्थित रहे.

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