उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में सक्रिय राजनीतिक दल युवा चेतना ने आज संविधान, लोकतंत्र एवं भारत विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जेपी सिंघल, पूर्व सांसद विवेक गुप्ता और यूईटीआर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जेसी जैन मौजूद थे.

वेबिनार का उद्घाटन स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने करते हुए कहा कि संविधान और लोकतंत्र दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सब बराबर हैं और संविधान जनता का रक्षा कवच. स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की संविधान की रक्षा प्रत्येक भारतीय की जवाबदेही है.

मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने कहा कि जब विश्व के अन्य देश संविधान निर्माण की प्रक्रिया में थे तो भारतीय संविधान उनके लिए मानक था.

न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि संविधान नागरिकों के लिए प्रकाश पुंज है. लोकतंत्र में सरकार अगर ग़लत करती है तो संविधान जनता का सहायक होता है. न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि संविधान और राष्ट्र के प्रति सबको निष्ठा रखना चाहिए.

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्रभु राम ने भी पत्नी का त्याग जनता को संतुष्ट करने हेतु किया था और देवी सीता ने भी जनता के मन में उत्पन्न द्वन्द को समाप्त करने हेतु प्रभु राम का सहयोग किया था. पूर्व में राजा और नेता जनभावनाओं के प्रति चिंतनशील होते थे परंतु अब स्थिति बदल गई है.

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें बराबरी का अधिकार देता है परंतु राष्ट्रपति के घर का बच्चा और गाँव में खेती करने वाले किसान का बच्चा एक जैसे विद्यालय में शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाता है. 1952 से लेकर 2020 तक चुनावी मुद्दे नहीं बदले लोकतंत्र रोटी, कपड़ा और मकान से आगे नहीं निकल पाया. रोहित सिंह ने कहा की भारत के पुनर्निर्माण हेतु सबको आगे आना होगा.

वेबिनार को सम्बोधित करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेपी सिंघल ने कहा कि गरीब को ताकत भारतीय लोकतंत्र में संविधान से मिलता है.

पूर्व सांसद विवेक गुप्ता ने कहा की हमारे संविधान में 125 बार संशोधन हुआ है. हमारा संविधान हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है. उन्होंने कहा कि सरकार को संयुक्त सूची पर विचार करना चाहिए. केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को कुछ छूट देने की आवश्यकता है.

यूईटीआर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जेसी जैन ने कहा की लोकतंत्र की सुंदरता संविधान से ही है.

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