देश के ज़्यादातर किसान अभी भी परंपरागत खेती से जुड़े हुए हैं. जिससे आय सीमित रहती है. जो किसान परम्परागत खेती से हटकर करते हैं और सफल होते हैं तो उनकी आय में कई गुना वृद्धि देखने को मिलती है. ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान के नरहरी मीणा ने. वह थाई एप्पल से लाखों की कमाई कर रहे हैं. पहले नरहरी भी परंपरागत खेती पर निर्भर हुआ करते थे.
राजस्थान के करौली ज़िले के टोडाभीम क्षेत्र के खेड़ी गांव के नरहरी मीणा थाई एप्पल की पैदावार कर रहे हैं. भारत में थाई एप्पल की पैदावार ख़ास तौर पर कोलकाता की तरफ़ होती है.
क़रीब एक बीघा ज़मीन में ही 2 लाख रुपए की आय होती है. इसका पौधा छह महीने में फल देना शुरू कर देता है, जबकि एक साल के बाद इसका पेड़ एक क्विंटल तक फल देने लग जाता है.परंपरागत खेती में पांच बीघा ज़मीन में गेंहू और सरसों की फसल से एक लाख रुपए की भी आमदनी नहीं हो पाती थी. किसानों के लिए यह खेती आमदनी का अच्छा ज़रिया है.