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हरियाणा के कैथल जिले के हलके में कलायत में किसान आंदोलन ने अब और जोर पकड़ लिया है. हालांकि य राज्यमंत्री कमलेश ढांडा का विधानसभा क्षेत्र है लेकिन फिर भी किसानों को कुश करने और कुषि कानूनों के विषय में समझाने में असमर्थ रही है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक किसानों को खुला समर्थन देते हुए खंड के कुल 29 सरपंचों में से 14 ने अपने त्यागपत्र दे दिया है. सभी लोगों ने एसडीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मटौर गांव के सरपंच परिथी सिंह पहले ही बीडीपीओ के पद से त्यागपत्र दे चुके हैं इस तरह पद को छोड़ने वालों की संख्या 15 तक पहुंच गई है. हालांकि 14 सरपंच अभी भी अपने पद पर बने हुए है.

सोमवार को सभी सरपंचों ने सामूहिक रुप से त्यागपत्र देने के बारे में बैठक बुलाई थी उसको लेकर 10 दिसंबर को इस संदर्भ में निर्णय लेने की राय बनी थी. लेकिन तय तिथि पर 28 की बजाय 14 सरपंचों ने ही पद को त्यागने की घोषणा की.

गौरतलब है कि पूरे देश में इस समय किसान नए कृषि कानून को लेकर आंदोलित हैं. इसको लेकर देश के सभी हिस्सों में विरोध प्रर्दनश की तस्वीरें सामने आ रही हैं. किसानों को इस बात का ड़र है कि इसमें एमएसपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा, और सरकार उन्हें प्राइवेट कार्पोरेट के सहारे छोड़ देगा. हालांकि सरकार की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन कृषि कानून को सिरे से खारिज करने पर किसान अड़े हुए है.

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