कर्नाटक के हरेकाला हजब्बा को 8 नवम्बर 2021 को भारत का चौथा सबसे प्रमुख नागरिक सम्मान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री पुरस्कार नवाजा. हरेकाला हजब्बा को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने के लिए दिया गया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हरेकाला हजब्बा को देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक पद्मश्री से नवाजा. अक्षर संत कहे जाने वाले हरेकाला हजब्बा को कभी खुद स्कूल में औपचारिक शिक्षा नहीं मिली.
हरेकाला हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर शहर में एक संतरा विक्रेता हैं. उनकी उम्र 65 साल है. अपने गांव में स्कूल न होने की वजह से हरेकाला हजब्बा पढ़ाई नहीं कर सके. लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पण ऐसा था कि अब वो शिक्षितों के लिए भी मिसाल बन गए हैं.
हरेकाला हजब्बा अपने गाँव में संतरा बेचने के व्यापर से पैसे जोड़कर उन्होंने गांव के बच्चों के लिय स्कूल बनवाया और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में सफल रहे. गांव में स्कूल न होने की वजह से वे खुद पढ़ाई नहीं कर पाए.
हरेकाला कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ के गांव न्यू पाडापु में रहते हैं. बचपन में मुफलिसी के साए में रहे हरेकाला को हमेशा स्कूल न जा पाने का गम सताता रहा. इसी गम ने उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा दी.