समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रांतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता के नेतृत्व में आज सपा नेताओं ने सीएम योगी को संबोधित ज्ञापन कानपुर मंडलायुक्त को सौंपा. उन्होंने ये मांग की है कि सरकार स्कूलों की फीस का कम से कम 75 प्रतिशत माफ करे.

अभिमन्यु गुप्ता ने अपने ज्ञापन में कहा कि कोरोना की दवा आने तक स्कूल न खोलने, हर गरीब परिवार को स्मार्ट फोन, नेटवर्क व बिजली मुफ्त देने, निजी स्कूल फ़ीस 75 प्रतिशत तक माफ करने और सरकार द्वारा सीधे स्कूलों को मदद पीएम केयर फंड्स से पहुंचाने, शिक्षक टीचर्स के घरों में निशुल्क ऑनलाइन हार्डवेयर देने और ऑनलाइन क्लासेस की समय सीमा प्रज्ञाता दिशानिर्देश के तहत करने की मांग रखी गई.

इस मौके पर अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. ऑनलाइन माध्यम के शारीरिक रूप से हानिकारक बोझ या बिना क्लास के पूरी फीस, इन सभी कारणों से प्रदेश के करोड़ों अभिभावक व बच्चे बुरी तरह से तकलीफ में हैं.

कोरोनाकाल में जब तक इलाज की खोज न हो जाए तब तक स्कूल खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है इसलिए अभी स्कूल खोलने के किसी भी प्रस्ताव को विराम दें. बच्चों की स्वास्थ सुरक्षा से कोई समझौता न किया जाए.

संजय बिस्वारी ने कहा की आज अकेले कानपुर में ही लाखों छात्र ऑनलाइन क्लास का हिस्सा नहीं बन पा रहे. अध्यापकों को घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर सरकार उप्लब्ध करवाए ताकि वे भी बिना आर्थिक बोझ के सुरक्षित रहते हुए क्लासिस संचालित कर सकें.

प्रान्तीय व्यापार मंडल के कानपुर नगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने कहा की जब तक ऑनलाइन क्लासेज संचालित हो रही हैं तब तक सरकार को स्कूलों के खर्चे खुद नियंत्रित करते अभिभावकों की तरफ से फीस खुद देनी चाहिए ताकि अभिभावकों को नुकसान न हो और स्कूल को भी नुकसान न हो या 25 प्रतिशत फीस अभिभावक दें बाकी सरकार व्यवस्था करे ताकि अभिभावकों पर बोझ कम हो जाए और स्कूल भी बिना नुकसान संचालित होते रहें.

अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि यदि अखिलेश यादव की सरकार होती तो अब तक कड़ाई से ये सुविधाएं लागू होकर परिवारों को मदद भी पहुंच चुकी होती. भाजपा सरकार निजी स्कूलों की मदद के लिए चुप्पी साधी है.

इस मौके पर अभिमन्यु गुप्ता, संजय बिस्वारी, जितेद्र जायसवाल, ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार, उन्नाव जिलाध्यक्ष शुभ गुप्ता, मनोज चौरसिया, अश्वनी निगम, शेषनाथ यादव, मो इमामुद्दीन, गुड्डू यादव आदि थे.

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