समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद न होने से परेशान किसान सस्ते दामों पर बिचौलियों को अपनी फसल बेचने पर मजबूर है, सरकार के दावों के बावजूद किसान की स्थिती ठीक होने के बजाए और खराब होती जा रही है.

अखिलेश यादव ने कहा कि एक तो किसान को आनलाइन पंजीकरण में ही मुश्किल होती है, दूसरे वहां भी वसूली का खेल शुरू हो गया है. आनलाइन बुकिंग के नाम पर किसान से 50 रूपये से लेकर 100 रूपए तक वसूले जा रहे हैं. धान क्रय केन्द्रों पर किसान अपनी फसल लिए तीन-चार दिन तक पड़ा रहता है. उसके लिए इन केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाओं तक की व्यवस्था नहीं है.

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उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रूपए प्रति कुंतल अदा करना होता है. यहां केन्द्र प्रभारियों और बिचैलियों की साठगांठ की साजिशें शुरू होती है. क्रय केन्द्रों पर खरीद न होने से परेशान किसान को अपनी फसल 1000 या 1100 रूपए प्रति कुंतल बेचने को मजबूर है.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में ऊपर से नीचे तक घोटालों और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. किसान भी अच्छी तरह समझने लगे हैं कि उनकी लूट इस अंधेरराज में होगी ही. सचमुच, भाजपा है तो किसानों की दुर्दशा मुमकिन है.

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