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मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के मानसून की विदाई का एलान कर दिया है. लखनऊ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि विगत 21 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है. तो ऐसे में जानना जरुरी है कि प्रदेश के किस हिस्से में ज्यादा बारिश हुई और किस हिस्से में कम बारिश हुई.

हालांकि बारिश के सीजन में एक समय ऐसा था जब यूपी के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित थे. यूपी के 20 से ज्यादा जिलों में महीनों बाढ़ के हालात जरुर रहें लेकिन आपको जानकर इस बात की हैरानी होगी कि इस बार मानसून सीजन में यूपी में औसत से कम बारिश हुई है. ये कमी 17 फीसदी है.

गौरतलब है कि मौसम विभाग की ओर यूपी को दो हिस्सों में बांटकर आंकड़े जारी करता है. पूर्वी यूपी औक पश्चिमी यूपी दो हिस्सों में बांटा है. इस साल पूर्वी यूपी में 6 फीसदी कम बारिश हुई है. तो पश्चिमी यूपी में 37 फीसदी कम बारिश हुई है. पूर्वी यूपी के ज्यादातर जिले बाढ के हालात थे. लेकिन इसके बावजूद कम बारिश के कुछ कारण हैं.

कारण ये है कि कुछ जिलों में तो औसत से ज्यादा बारिश हो गई तो कुछ जिलों में औसत से बहुत कम बारिश हुई. पश्चिमी यूपी की बात की जाए तो बारिश के लिहाज से पश्चिमी यूपी की हालत बेहद निंदनीय रही. पश्चिमी यूपी में कुल 33 जिले हैं.

इनमें से किसी भी जिले में औसत के बराबर ज्यादा बारिश नहीं हुई, बल्कि सभी जिलों में औसत से कम ही बारिश हुई है. नोएडा में 87 फीसदी, मथुरा और गाजियाबाद में 66 फीसदी, बुलंदशहर में 63 फीसदी कम बारिश हुई है. बारिश के य़े आंकड़े 1 जून से 30 सितंबर के बीच के हैं. इस पीरियड को मौसम विभाग मानसून सीजन मानता है.

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