समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसान बेहाल हैं और जमाखोर मालामाल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए लगातार झूठ बोल रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बिचौलिये और बड़े व्यापारियों की सरकारी तंत्र से मिलीभगत के चलते किसान अपनी फसल औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर है. भाजपा सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना करने के वादे को पूरी तरह से भूल चुकी है.
सपा मुखिया ने कहा कि किसानों को इस वर्ष धान की फसल से बहुत उम्मीद थी. सही न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल जाता तो उनके बेटे-बेटी की शादी हो जाती और वर्षा-बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत हो जाती.
किसान का दुर्भाग्य उसको 1888 रूपये का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य तो मिला नहीं, उल्टे 800 से 1000 रूपये और अधिकतम 1200 रूपये प्रति कुंतल धान बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. धान खरीद केन्दों में अव्यवस्था और लूट का राज कायम है.
उन्होंने कहा कि जहां धान केन्द्रों पर नमी के बहाने किसान लौटाए जा रहे हैं वहीं उनके आसपास बिचैलिये सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. कपास-धान की खरीद में निजी एजेंसियों की चांदी रही है. मक्का माटी मोल बिक रहा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि किसान और व्यापारी के रिश्तों में जहर घोलकर भाजपा ने देश को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और पूंजीघरानों को सौंपने की साजिश रची है. देशवासियों को इससे सावधान रहना है. भाजपा सरकार के रहते चारों तरफ अंधेरा रहेगा. समाजवादी सरकार बनने पर ही किसान सुखी होगा और विकास पटरी पर आएगा.