समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर सूबक की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि किसान इतना बेबस कभी नहीं हुआ जितना भाजपा राज में है, इस बार किसानों की मार से भाजपा बच नहीं सकती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के अंधेर राज में किसान की बदहाली और भाजपा के प्रश्रय प्राप्त बिचौलियों की खुशहाली ही वांछित है. पहले धान की लूट हो ही चुकी है. गन्ना किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है। उनके गन्ने का 15,000 करोड़ बकाये का भुगतान अभी भी लटका हुआ है.
सपा मुखिया ने कहा कि किसान क्रय केन्द्रों पर गेहूं के लिए धक्के खा रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री जी को भी यह कहने के लिए विवश होना पड़ा कि गेहूं की सरकारी खरीद में घोर लापरवाही है और क्रय केन्द्र बंद होने की आम शिकायतें हैं. भाजपा सरकार जानबूझकर किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं देना चाहती है.
उन्होंने कहा कि मंहगाई की मार से जनजीवन पूरी तरह से तबाह है. डीजल-पेट्रोल की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है. विद्युत महंगी करने पर भाजपा सरकार आमादा है. किसान घोर मुश्किल में फंसा है. किसानों के ऊपर तिहरी मार पड़ रही है.
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने तय कर लिया है कि वह असत्य के सिवा कुछ नहीं बोलेगी और अपने पूरे कार्यकाल में छल-कपट की राजनीति के अलावा कुछ नहीं करेगी. माननीय उच्च न्यायालय को कहना पड़ा कि गांवों में चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे है.