उत्तर प्रदेश में भले ही समाजवादी पार्टी की सरकार न हो मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार लोगों से मिल रहे हैं और उनकी हर संभव मदद भी कर रहे हैं. लगातार अलग अलग क्षेत्रों से लोग उनके पास अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं और उनसे मांग कर रहे हैं कि वो उनकी समस्याओं को जोरशोर से उठाएं ताकि उन्हें निजात मिल सके. इसी क्रम में आज गोंडा जिले के किसानों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्याएं बताई.

किसानों का कहना है कि गोंडा के सरयू नहर के प्रथम खंड तरबगंज में धनई पट्टी रजबहा का निर्माण चल रहा है. इसमें करनैलगंज विधानसभा क्षेत्र के किसानों की जमीनें सरकार अधिग्रहित कर रही है. किसानों का आरोप है कि किसी को 14 हजार तो किसी को 17 लाख 85 हजार रूपये प्रति बीघे की दर से मुआवजा दिया गया है.

इस बात से वहां के किसान आंदोलित हो उठे और अपने खेतों में ही टेंट लगाकर बैठ गए. किसानों का ये भी आरोप है कि इस परियोजना में जमकर फर्जी भुगतान भी किया जा रहा है. अधिग्रहण से पहले किसानों को किसी तरह को कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है. अखिलेश ने उनकी समस्याएं सुनी और उन्हें मदद का आश्वासन दिया.

इसके बाद अखिलेश ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा राज में किसान, नौजवान सब परेशान हैं. बीजेपी की प्राथमिकता किसान, गरीब, मजदूर नहीं बल्कि बड़े बड़े औद्यौगिक घराने हैं.

अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा कि समाजवादी सरकार में किसानों से विकासकार्यों के लिए जमींन लेते समय चार गुना तक बढ़ाकर मुआवजा दिया गया. 302 किलोमीटर लम्बे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों ने अपनी जमींने दीं हमने उनको मुंह मांगा मुआवजा दिया, कोई आंदोलन नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के फायदे के कदम तो उठाए नहीं, उन्हें बस झूठे वादों से बहकाते रहे हैं. किसानों की जमींनें छीनकर उन्हें बेघर और बेरोजगार बनाया जा रहा है. भाजपा सरकार अगर किसानों की अधिगृहीत जमींन का उचित मुआवजा नहीं दे सकती है तो उनकी जमींनें वापस कर देनी चाहिए.

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