रिपब्लिक टीवी और ग्रुप के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी इन दिनों मुश्किलों में घिरे हैं. सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस मामले की रिपोर्टिंग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने चैनल पर सख्त टिप्पणी की है. सिर्फ रिपब्लिक ही नहीं अदालत ने टाइम्स नाउ की भी लताड़ लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि खुद ही जांच करने लगे, खुद वकील बन गए और खुद ही जज बनकर फैसला भी सुनाने लगे.
महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस अधिकारी, एनजीओ और वकीलों की तरफ से दाखिल की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए दो जजों की पीठ ने ये टिप्पणी की.
251 पेज के फैसले में अदालत ने कहा कि एक दूसरे से ज्यादा स्मार्ट बनने के लिए दो चैनलों ने सच्चाई और न्याय की दिखावटी लड़ाई शुरू की. उनकी धारणा है कि मुंबई पुलिस लोगों के अधिकार की रक्षा नहीं करती है. उन्होंने सीआरपीसी के आदेशों और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी को भी हवा में उड़ा दिया.
कहा कि इन दो टीवी चैनलों ने खुद ही जांच करनी शुरू करदी. खुद वकील बन गए और फिर जज बनकर खुद ही फैसला भी सुना दिया. महामारी के दौरान केवल वे ही जग रहे थे बाकी सब सो रहे थे. अदालत ने कहा कि न्यूज़ रिपोर्ट में मुंबई पुलिस और रिया चक्रवर्ती को लेकर इस तरह की बातें कही जा रही थीं जिससे की लोगों में कानून व्यवस्था और पुलिस के प्रति विश्वास कम होता है.
पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि आगे से चैनल अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और कानूनी मामलों में इस तरह की रिपोर्टिंग नहीं करेंगे.