राजस्थान की रहने वाली आशा की कहानी सुनकर आपको ये प्रेरणा मिलेगी कि अगर सच्चे मन से कुछ भी ठान लिया जाए तो वो नामुमकिन नहीं है. आशा की कहानी उन महिलाओं को भी प्रेरणा देगी जो ये सोचती हैं कि शादी या बच्चे होने के बाद उनका करियर समाप्त हो गया है और अब वो कुछ नहीं कर सकती हैं.
आशा ने जब 12वीं की परीक्षा पास की तो उसके बाद उनकी शादी हो गई. उनके दो बच्चे भी हुए मगर बाद में पति से उनकी अनबन हो गई और दोनों अगल-अगल हो गए. आशा की जिंदगी मुश्किलों में घिर गई मगर आशा ने हार नहीं मानी और अपना संघर्ष जारी रखा.
आशा ने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और वो अफसर बन गईं. आशा ने 12वीं पास करने के 16 साल बाद ग्रेजुएशन किया और ठान लिया कि अपना लक्ष्य हासिल करना है. आशा ने आरएएस की तैयारी शुरू कर दी और काम के बाद दिनरात पढ़ाई करने लगी.
उन्होंने साल 2018 में आरएएस भर्ती के लिए फार्म भरा, प्री एग्जाम दिया, मेन्स भी क्लियर कर लिया और उसके बाद लंबा इंतेजार किया. आशा ने परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए नगर निगम में सफाई कर्मी के लिए आवेदन किया और जून में वो उस पद पर नियुक्त हो गईं.
आशा ने तीन साल नगर निगम में काम किया और आखिरकार जब उनका रिजल्ट आया तो वो पहले ही प्रयास में पास होकर अफसर बन गई. इस दौरान आशा ने धैर्य और मेहनत से काम लिया.