यूपी ग्राम पंचायत चुनाव के कार्यकाल समाप्त होने में मात्र 48 घंटे का समय शेष बचा हुआ हैं. इसके बाद ग्राप पंचायत के अंतर्गत सभी पदासीन प्रधानों के हाथों से ग्राम पंचायत के अधिकार समाप्त हो जाएंगे.

उधर दूसरी ओर योगी सरकार की मंशा है कि ग्राम पंचायत चुनावों को 31 मार्च से पहले करा लिया जाए जिसको लेकर अभी से तैयारियों को शुरु कर दिया है. योगी सरकार की ओर से पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियों में तेजी लाई गई है.  वहीं इस बार योगी सरकार पढ़े लिखे ग्राम प्रधानों को गांवो की बागडोर सौंपना चाह रही है. इसके तहत न्यूनतम योग्यता पर भी सरकार की ओर से विचार किया जा रहा है.

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इसका मतलब अब अंगूठा टेक व्यक्ति यूपी में ग्राम प्रधान नहीं बन सकता है. गौरतलब है कि हरियाणा, राजस्थान, उडीसा जैसे राज्यों मेग्राम पंचायत सदस्य से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक सभी की योग्यता का मानक तय कर दिया गया है. जिसमें कक्षा आठ से लेकर 12 वीं तक की योग्यता तय की गई है हर पद में अलग-अलग योग्यता का निर्धारित की गई है.

यूपी सरकार भी इस पर अध्ययन कर रही है शीघ्र ही कैबिनेट में इसे पास करने की योजना भी बनाने का काम किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है ग्राम प्रधान के अनपढ़ होने की वजह से विकास की योजनाओं को समझने में उसको दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

वित्तीय खातों का संचालन, पंचायत सचिवों के भरोसे चलता है, ऐसे हालातों में वित्तीय अनियमितताओं की संभावना बनी रहती है. इन सभी चीजों को दुरुस्त करने हेतु सरकार की ओर से योग्यता के मानक तय किए जा सकते हैं ऐसी संभावना जताई जा रही है.

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