बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नितीश कुमार का एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. बिहार चुनाव में राजद और बीजेपी का प्रदर्शन तो बेहतर रहा मगर कांग्रेस और जेडीयू की स्थिती काफी खराब रही. इसमें से कांग्रेस ने तो सबसे ज्यादा निराश किया.

महागठबंधन की ओर से कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी मगर उसे मात्र 19 सीटों पर ही जीत मिली. वो 2015 वाला प्रदर्शन भी दोहरा न सकी. बड़ी संख्या में कांग्रेस के युवा नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.

भागलपुर की सुल्तानगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे ललन कुमार यादव को प्रत्याशी बनाया. ललन कुमार का मुकाबला जेडीयू प्रत्याशी ललित नारायण मंडल से था. बेहद कड़े मुकाबले में ललन कुमार को हार का सामना करना पड़ा, उन्हें 61017 वोट मिले जबकि जेडीयू नेता को 72620 वोट मिले.

कहलगांव से सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश भी कांग्रेस का किला नहीं बचा पाए. शुभानंद को 42893 वोटों से हार मिली. बेलदौर से कांग्रेस के युवा चेहरे चंदन यादव को भी बेहद कड़े मुकाबले में हार मिली. शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी यादव को भी जदयू नेता ने हरा दिया.

बांकीपुर विधानसभा सीट से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को हार का मुंह देखना पड़ा. अब इन युवा नेताओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी देने की कवायद शुरू कर दी गई है.

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