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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कई नए चेहरे इस बार देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक चेहरा बिहार में विधायकी के चुनाव को लड़ने को लेकर लालायित है, आईएएस की पत्नी रितु ने अध्यापक की नौकरी को छोड़कर जनसेवा को शुरु किया. पंचायत चुनाव में विजय हासिल कर गांव की मुखिया बन गई.

पंचायती राज में उनके सराहनीय कार्यों के बल पर केंद्र की बीजेपी सरकार ने उन्हें सम्मानित किया था, अब विधानसभा चुनाव में उन्हें राजद ने सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा से टिकट दिया है. सीतामढ़ी जिले में सोनबरसा ब्लाक के सुदूर राज सिंहवासिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल भी अब चुनावी मैदान में हैं, रितु जायसवाल के पति आईएएस है.

हालांकि कुछ साल पहले तक वे अपने पति के साथ थी और दिल्ली के एक स्कूल में अध्यापिका थी. लेकिन समाजसेवा की चाहत में वे राजनीति के मैदान में कूद पड़ी. वे सिंहवासिनी पंचायत की मुखिया भी बन गई.

गौरतलब है कि रितु के पति एक आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने साल 2018 में वीआरएस ले लिया था, अब वे अपनी पत्नी रितु की सहायता कर रहे हैं.

रितु का कहना है कि दिमाग में कभी भी नहीं था कि राजनीति में आना है लेकिन साल 2013 में जब वे राज सिंहवासिनी पंचायत के अंतर्गत आने वाले अपने पति के गांव नरकटिया आई तो यहां की स्थिति को देखकर उन्होंने सार्वजनिक जीवन में आने का फैसला किया.

इसके बाद गांव की महिलाओं ने उनसे गांव के मुखिया का चुनाव लड़ने के लिए कहा. चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, इसके बाद पंचायत में विकास कैसे किया जाए इस बारे में मंथन किया और वो कर दिखाया जो शायद ही कोई गांव का मुखिया कर पाए.

रितु जायसवाल ने बताया कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रही थी, लेकिन तभी उन्हें राजद ने टिकट देने का फैसला किया. कहा कि राजद की ओर से टिकट मिलने के बाद वे बेहद खुश है.

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