बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले प्रथम चरण के मतदान के पहले तेजस्वी यादव द्वारा बोले गए एक शब्द को लेकर सियासत गर्मा गई है. एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने बाबू शब्द का जिक्र किया. जिसे बिहार में राजपूत बिरादरी के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
बाबू साहेब शब्द को लेकर तेजस्वी द्वारा दिए गए बयान के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई थी. हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके कहने का अर्थ वो नहीं था जो लोगों ने निकाला. कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से लोगों के बीच प्रचारित करने का प्रयास सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा किया जा रहा है तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने राजपूतों को लेकर किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया है.
बल्कि बाबू शब्द से मेरा कहना बिहार सरकार के उन सरकारी विभागों में कार्यरत लोगों से था जो नीतीश कुमार की सरकार में भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए हैं. तेजस्वी ने कहा कि मुझे पता था कि इस बयान के बाद लोग बिहार की जनता को मुद्दों से भटकाने की कोशिश करेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बाबू से मतलब बड़ा बाबू, डाक्टर बाबू, सरकारी विभागों में बैठने वाला छोटा बाबू जैसे सरकारी मुलाजिमों से है. जो नीतीश कुमार की सरकार में बैठकर लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रहे है.
इसके साथ ही तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और कहा कि जनसंख्या को लेकर दिया गया बयान मेरे लिए नहीं बल्कि पीएम मोदी के लिए है. तेजस्वी यादव ने कहा कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर नीतीश कुमार ने मेरी मां समेत बिहार की अन्य महिलाओं का अपमान किया है. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी समेत विभिन्न मुद्दे हैं लेकिन नीतीश कुमार इन मुद्दों पर कभी नहीं बोलते हैं.