कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. किसान सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं मगर सरकार किसी भी हाल में ये कानून वापस लेने को राजी नहीं है. किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है.

एक तरफ सरकार किसानों से लगातार बातचीत कर रही है और उनकी मांगों पर विचार कर रही तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कई नेता किसानों पर निशाना साध रहे हैं. कोई उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग कह रहा है तो उनके आंदोलन के पीछे विदेश ताकत और फंडिंग के आरोप लगा रहा है.

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किसानों को देशद्रोही तक कहने में हमारे नेता पीछे नहीं हैं. किसानों को वामपंथी, चरमपंथी और खालिस्तानी तक कहा गया. मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के उच्च कोटि के दलाल सुनियोजित तरीके से किसान आंदोलन चला रही है.

इसमें वामपंथी सोच और टुकड़े-टुकड़े गैंग समाहित हो गए हैं और किसानों की परिस्थिती का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हें. ये गैंग कभी कामयाब नहीं होगा. ऊषा ठाकुर ने कहा कि झूठ का षडयंत्र ज्यादा दिन नहीं चलेगा.

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