मध्य प्रदेश के कोतमा में आयोजित सड़क निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में मंच तो भारतीय जनता पार्टी का था लेकिन गरजे कांग्रेस विधायक सुनील सराफ. सुनील इस बात से नाराज हो गए कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. इस बात से वो इतने खफा हुए कि उन्होंने मंच पर ही अपना गुस्सा जाहिर कर दिया.

सुनील सराफ के विरोध जताने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनकी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि शाबाश सुनील. हर कांग्रेस जन को भाजपा के ढोंग को उजागर करने के लिए सड़क पर उतरना पड़ेगा.

कार्यक्रम के मंच से उतरने के बाद विधायक सुनील सराफ ने कहा कि मैं जनता का प्रतिनिधि हूं. शर्म आनी चाहिए इन भाजपा के नेताओं को. जिस सड़क को मैंने स्वीकृत कराया था, उस बैठक में मंत्री बिसाहू लाल जी भी थे. आज उसे अपने नाम से जोड़ रहे हैं.

कहा कि विधायक को बुलाकर बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा. कह दो पूरा नगर आपने बसाया है. आप अपने मुंह से कुछ भी कह दो. यह कोई तरीका होता है. यह मेरा अपमान नहीं कोतमा क्षेत्र की डेढ़ लाख जनता का अपमान है. ये तानाशाही है और ये तानाशाही दोबारा नहीं चलेगी.

इससे पहले मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने कार्यक्रम में तंज कसते हुए कहा था कि कुछ नेता हैं, जिनका नाम नहीं लेना चाहूंगा. वे विकास की जगह सट्टा, जुआ, कबाड़ को महत्त्व देते हैं. ये नेता कबाड़ वालों को कबाड़ का धंधा कराएंगे, साथ में शराब पीने वालों को शराब का धंधा कराएंगे और जब वह पकड़े जाएंगे तो एसपी और कलेक्टर को फोन का छुड़वाएंगे. इससे विकास नहीं होता. विकास आत्मा से होता है, सोच से होता है.

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