उत्तर प्रदेश के सात जिलों जौनपुर, फतेहपुर, इटावा, हरदोई, अलीगढ़ और वाराणसी के कलेक्ट्रेट व तहसील के जर्जर भवनों को गिराए जाने की अनुमति मिल गयी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जौनपुर में तहसील मछलीशहर व मड़ियाहूं, फतेहपुर में तहसील बिंदकी, इटावा के कचहरी कम्पाउंड में स्थित सीआरए कार्यालय भवन के पुनर्निर्माण कार्य के लिए प्रस्तावित भवनों की ध्वस्तीकरण की आयु पूरी नहीं हुई है.

इसलिए इन्हें गिराने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान की गयी है. जौनपुर में तहसील केरावत, हरदोई में शाहाबाद, अलीगढ़ कलेक्ट्रेट, बुलंदशहर कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के पुनर्निमाण के लिए और वाराणसी की तहसील सदर के अनावासीय भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित भवनों को गिराने की अनुमति दी गयी है. इन भवनों को गिराए जाने से 2.10 करोड़ रूपये मिलेगा, जिसे सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा.

वहीं प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव उर्जा विकास बोर्ड को अतिरिक्त उर्जा स्रोत विभाग के नियंत्रण में कर दिया गया है. अभी तक यह नियोजन विभाग के अधीन था. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए नियोजन विभाग के प्रस्ताव को मंजूर करवाया था.

उत्तराखंड के हरिद्वार में होटल अलकनंदा परिसर में 100 कक्षों के नवीन पर्यटक आवास गृह होटल के निर्माण की परियोजना के तहत प्रस्तावित उच्च विशिष्टियों का कार्य को मंजूरी दे दी गयी.

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