केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार ये तीनों कानून वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाए. सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा.

किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता के बाद भी इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है. सरकार और किसान दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसानों के इस आंदोलन को तमाम विपक्षी दलों का खुलकर समर्थन भी मिल रहा है.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का भावुक वीडियो वायरल होने के बाद से सपा, रालोद, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भीम आर्मी सहित तमाम दलों के नेता राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना समर्थन देने का एलान कर दिया.

विपक्षी दलों की एकजुटता ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी. सरकार का आरोप है कि विपक्षी दल किसानों को भड़का रहे हैं और इस आंदोलन की आड़ में राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं.

सरकार के इस आरोप पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि विपक्ष यहां हमदर्दी के लिए आता है वोट तलाशने के लिए नहीं. हम कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बात नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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