इस बार मानसून ने केरल में दो दिन की देरी के बाद दस्तक दी थी. लेकिन इसके बाद फिर मानसून ने रफ़्तार पकड़ी और देश के आधे से ज्यादा हिस्से को तेजी के साथ कवर किया. पर अब इसके आगे बढ़ने पर ब्रेक लग गयी है. जिससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्य बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

स्काईमेट वेदर के मुताबिक 20 जून तक मानसून बारिश औसत से अधिक थी. 20 जून तक देश में सामान्य से 40 फीसदी बारिश अधिक रही. लेकिन इसके बाद से भारत के गंगा मैदानी इलाकों, मध्य भारत के अलावा दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश की गतिविधियां कम हुई हैं.

स्काईमेट के अनुसार अब 6 जुलाई के बाद से मानसून के सक्रिय होने के आसार हैं. यानि जुलाई के पहले सप्ताह में देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की उम्मीद है.

29 जून से ब्रेक मानसून की स्थिति बन सकती है. ब्रेक मानसून उसे कहते हैं जब मानसून ट्रफ़ हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो जाती है. गैंग के मैदानी क्षेत्रों और देश के मध्य भागों में शुष्क पछुआ हवाएं आर्द्र पूर्वी हवाओं की जगह ले लेती हैं. देश के अधिकाँश हिस्सों में मौसम शुष्क हो जाता है. पश्चिमी हिमालयी राज्यों, उत्तर प्रदेश व बिहार के तराई वाले जिलों सहित पूर्वोत्तर राज्यों के बारिश की गतिविधियां अधिक होती हैं. अनुमान है कि यह ब्रेक मानसून कम से कम अगले एक सप्ताह जारी रह सकता है.

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