उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस और सपा संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने की प्रक्रिया शुरू करदी है. कांग्रेस लगभग सभी जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति कर चुकी है. बीजेपी ने भी 59 जिला शहर महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की है. जबकि समाजवादी पार्टी ने 15 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है.

संगठन के पुनर्गठन को लेकर बहुजन समाज पार्टी फिलहाल पीछे दिखाई दे रही है. पार्टी में अभी छंटनी अभियान ही जारी है. ऐसे में बसपा नेतृत्व ने विधान परिषद् स्नातक व शिक्षक क्षेत्र निर्वाचन से किनारा कर लिया है.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बसपा सुप्रीमों मायावती का अनुशासनात्मक रवैया ही पार्टी के लिए अब मुसीबत बन रहा है. पिछले एक महीने में बसपा से करीब दो दर्जन से अधिक बड़े नेताओं की छुट्टी की गयी है. इनमें कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं जो शुरुआत से ही बसपा के साथ जुड़े रहे हैं.

बसपा के लिए चिंता का विषय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के बाद से अब तक किसी बड़े नेता ने बसपा को ज्वाइन नहीं किया है. वहीं पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि अनुशासन के नाम पर बसपा में केवल दलित नेताओं को ही निशा’ना बनाया जा रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here