राजकुमारी देवी रामविलास पासवान की पहली पत्नी हैं. उनका तलाक हो गया था लेकिन राजकुमारी उन्हें अपना पति मानकर सिन्दूर लगाती थीं. वह खगड़िया शहर से 30 किलोमीटर दूर शहरबन्नी में रहती हैं. सोमवार को रामविलास पासवान का शहरबन्नी में श्राद्ध किया गया.
रामविलास पासवान के इकलौते बेटे चिराग भी गाँव पहुंचे. चिराग और राजकुमारी देवी की पहले बात नहीं होती थी. हालांकि यहां पहुंचने पर चिराग ने अपनी दूसरी मां से आशीर्वाद लिया, लेकिन दोनों में कोई बात नहीं हुई.
राजकुमारी देवी ने कहा कि अब चिराग ही हमारा बेटा है. हमें अब उसे ही देखना होगा. उन्होंने बताया कि उनकी आखिरी मुलाकात उनके पति से पटना में हुई थी. लेकिन इस दौरान वह उनकी आवाज नहीं सुन पाई थीं.
चुनाव का आशीर्वाद देने की बात पर उन्होंने कहा कि आशीर्वाद तो हम इसी शर्त पर देंगे कि हमारा अब वही एक बेटा है. पापा के रहते हुए, वह हमें नहीं देखते थे, लेकिन अब वह मुझे देख रहे हैं. वो जो कहेगा अब हम सुनेंगे. हम भी जो कहेंगे वो अब सुनेंगे.
पुरानी यादों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पहली बार जब वह(रामविलास पासवान) विधायक बने तो हमें पटना ले गए थे. हाजीपुर से जब सांसद बने तो हम पटना में ही रहते थे. दूसरी बार जब बने तब हमसे दूर हो गए. वह दूर गये तो हमने भी बात करनी बंद कर दी.
राजकुमारी देवी ने कहा कि वह दोनों बेटियों के यहां सब दिन आते-जाते रहते थे. गांव आने पर वह सभी जगहों पर घूमते थे. गांव के लोगों का हाल जानते थे.