प्रदेश हो या देश सरकारी विभाग की लेटलतीफी के बारे में कौन नहीं जानता है, कईबारगी तो ऐसा देखा गया कि आदमी तक चला गया लेकिम समस्या का हल नहीं निकला. लेकिन कुछ कर्मचारी और अधिकारी ऐसे होते हैं जो अपने काम और मानवता की वजह से जनता के दिल में जगह बना लेते हैं और वो हमेशा के लिए याद रखे जाते हैं.

ऐसे में उन्नाव सिटी मजिस्ट्रेट ने एक मिसाल कायम की जिसमें उन्होंने एक बेटी की गुहार को सुना ही नहीं बल्कि उस पर एक्सन के पांच घंटे बाद समस्या को भी दूर कर दिया. ऐसे में वो बेटी और पूरा गांव अधिकारी का धन्यवाद प्रेषित कर रहा है. बीघापुर तहसील के सलेधू गांव के रहने वाले दिनेश तिवारी शुक्लागंज गंगानगर पोनी रोड में रहते हैं. और वो कानपुर में एक दुकान में नौकरी करते हैं.

दिनेश की सलेथू गांव में पैतृक दो बीघा खेतिहर भूमि थी. गंगा एक्सप्रेस वे इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया. दिनेश ने 25 मई को भूमि का रजिस्ट्री कर दी थी. इस बीच उन्होंने अपनी बेटी आरती की शादी भी तय कर दी. 17 जून को शादी थी लेकिन 15 जून तक पैसा ना आने के बाद दिनेश परेशान होकर इधर उधर घूमने लगें. पिता की इस हालत को देखकर बेटी आरती भी परेशान हो गई.

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पिता की इज्जत को बचाने के लिए कुछ हिम्मत कर आरती ने 15 जून की सुबह दस बजे सिटी मजिस्ट्रेट चंदन कुमार पटेल को व्हाट्सअप मैसेज भेजकर अपने दर्द को सुनाया. मैसेज में लिखा कि मुआवजा ना मिलने की स्थिति में मेहमानों का स्वागत-सत्कार, आभूषण और अन्य सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है अब अगर पैसे नहीं आए तो शादी टलने की नौबत जाएगी.

आरती ने कहा कि पिता जी की इज्जत और शादी दोनों री रक्षा करना अब आपके हाथ में हैं, इस मैसेज से सरकारी सिस्टम पिघल गया. इसके बाद ऐसी रफ्तार दिखाई कि लोग भी आश्चर्यचकित रह गए. सिटी मजिस्ट्रेट ने तुंरत कागजी औपचारिकताएं पूरी कराई और दिन में दोपहर तीन बजे तक आरती के पिता के खाते में 20 लाख रुपये ट्रांसफर करा दिए. इसके बाद आरती और पूरे परिवार ने राहत की सांस ली.

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