कोरोना जैसी घातक महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के कई जिलों के जिम्मेदार अफसर आपदा को अवसर में बदलने से नहीं चूके. उन्होंने कोरोना किट की खरीद में ही जमकर घोटालेबाजी की. मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. सीएम योगी ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.

सुल्तानपुर से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर जिलाधिकारी सी इंदुमति पर कोरोना किट की खरीद में घोटालेबाजी का आरोप लगाया. इसके बाद गाजीपुर, उन्नाव सहित कई जिलों से ये जानकारी आई कि पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर आदि जरूरी उपकरणों को बाजार मूल्य से कई गुना अधिक पर खरीदा गया.

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अब तक इस मामले में दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में गठित एसआईटी 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी. इस घोटाले के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि यह असंभव है कि योगीजी रोज़ाना 11 बजे अपने टीम 11 की बैठक कर रहे हों और उन्हें थर्मामीटर-ऑक्सीमीटर आदि के रेट ना बताए गए हों. उन्हें इस महामारी के दौरान हुई तमाम खरीदारियों का पता ना हो. आम आदमी पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी इस घोटाले को लेकर सरकार को घेरने में जुटी हुई है.

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