आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. संजय सिंह के खिलाफ 12 अगस्त 2020 को हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.

संजय सिंह ने अपने एक बयान में कहा था कि उत्तर प्रदेश की सरकार जातिवादी है और यहां पर एक ही जाति का वर्चस्व चल रहा है. उनके इस बयान के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था. संजय सिंह काफी दिनों से गैर हाजिर चल रहे थे तो अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई को सुप्रीमकोर्ट ने एक सप्ताह के लिए टाल दिया है.

मुकदमा दर्ज होने के बाद संजय सिंह ने कहा था कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. उनका कहना है कि इन एफआईआर का मकसद याचिकाकर्ता और उनके राजनीतिक सहयोगियों को परेशान करना है.

संजय सिंह पर लखनऊ के अलावा संत कबीर नगर, खीरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, बस्ती और अलीगढ़ में भी मुकदमें दर्ज किए गए थे.

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