चक्रवात यास तूफ़ान आगे बढ़ते हुए भारी नुकसान कर रहा है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इसके प्रभाव वाले क्षेत्रों से लाखों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से हावड़ा में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. तूफ़ान बुधवार को सुबह ओडिशा के भद्रक जिले के तट से टकराया. बाद में दक्षिणी बालासोर के 20 किलोमीटर करीब से गुजरा.

राष्ट्रीय राजधानी पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ने की सम्भावना है. मौसम विभाग के मुताबिक मई अंत तक शहर में लू चलने का अनुमान है.

मौसम जानकारी की निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान चक्रवात यास कमजोर होकर ओडिशा के अंदरूनी हिस्सों पर डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा. आगे बढ़ते हुए यह झारखण्ड पर एक दबाव के रूप में कमजोर पड़ जाएगा. जिससे झारखण्ड और बिहार के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहने की उम्मीद है.

स्काईमेट वेदर के अनुसार उत्तर पूर्व भारत के हिस्सों में भी हल्की मध्यम बारिश के साथ दो स्थानों पर भारी बारिश संभव है. 24 घंटों के बाद पूर्वी यूपी के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है.

वहीं चक्रवात यास को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. चक्रवात के कारण सूबे में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि तीन लाख मकानों को नुकसान पहुंचा है. तूफ़ान के कारण समुद्र में उंची लहरें उठती रहेंगी.

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