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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में अनूसूचित जाति को लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि इस्लाम और ईसाई धर्म में शामिल होने वाले दलितों को आरक्षण के लाभ नहीं मिलेंगे. इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने साफ किया है कि ऐसे लोग अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से संसदीय या विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे.

बीजेपी के जीवीएल नरसिम्हा राव ने कानून मंत्री से दूसरे धर्मों को लेकर सवाल किया था इस पर प्रसाद ने कहा कि जिन लोगों ने हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म को अपनाया है. वे अनूसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं इसके साथ ही इन धर्मों में शामिल होने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.

इसके अलावा उन्होंने आरक्षित संवैधानिक क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के मापदंडो को लेकर भी बात की. कानून मंत्री ने संविधान के पैरा 3 का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध के अलावा किसी धर्म का दावा करता है तो उसे अनूसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा इसके साथ ही उन्होंने साफ किया है कि प्रतिनिधित्व कानून में कोई भी संसोधन को लेकर प्रस्ताव नहीं लाया गया था.

साल 2015 में अदालत की ओर से कहा गया था कि एक बाक हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बन जाता है तो सामाजिक और आर्थिक परेशानियां सामने आती हैं तो ऐसे में उसे सुरक्षा देने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि वो अब अनूसूचित जाति से कोई संबंध नहीं रखता है. साथ ही प्रसाद ने ये भी साफ कर दिया है कि इस्लाम और ईसाई धर्म चुनने वाले दलितों और हिंदू बनने वाले दलितों में फर्क स्पष्ट है.

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