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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला के साथ बलात्कार के आरोपी को सिर्फ इस आधार पर जमानत दे दी क्योंकि उसका नाम महिला के हाथ पर गुदा हुआ था. हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए हा कि दूसरी तरफ से प्रतिरोध होने पर इस तरह टैटू बनवाना आसान काम नहीं है जबकि कोर्ट में महिला ने आरोप लगाया था कि रेप के आरोपी ने जबरन उसका नाम महिला की बांह पर गोद दिया था.

हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि ऐसे टैटू बनवाना आसान काम नहीं है जस्टिश रजनीश भटनागर ने फैसले में कहा कि मेरी राय में टैटू बनाना एक कला है और उसके लिए एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है. इसकते अलावा कहा कि इस तरह के टैटू बनाना भी आसान काम नहीं होता है जो शिकायतकर्ता की हाथ पर है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ये हर किसी का काम नहीं है और ये अभियोजन पक्ष का भी नहीं है याचिकाकर्ता का टैटू व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है. महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी ने उसे धमकी देकर और ब्लैकमेल कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया.

उन्होंने कहा कि शारीरिक संबंध 2016 से 2019 तक जारी रहें. आरोपी ने कहा कि शिकायतकर्ता जोकि शादीशुदा बताया जा रहा है उसे वो प्यार करती थी कि वे एक रिश्ते में है उन्होंने कहा कि fir तभी दर्ज की गई थी. जब वो संबंधो को पुरुष के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने में विफल रही थी.

अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कोर्ट में महिला की बांह पर टैटू की तस्वीरें भी दिखाई और कहा कि महिला ने उनके साथ सेल्फी क्लिक की है इस दौरान वो कई इवेंट्स का भी उसके साथ हिस्सा रही है.

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