भारत एक कृषि प्रधान देश कहलाया जाता है मगर सच्चाई ये है कि यहां किसान ही सबसे ज्यादा परेशान है. कभी उसपर मौसम की मार पड़ती है तो कभी उसे फसल का सही दाम ही नहीं मिलता और इसी चक्कर में वो कर्जदार हो जाता है. सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली राहत भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.
केंद्र की मोदी सरकार ने हाल में कृषि से जुड़े तीन नए कानून लागू किए हैं जिसका देशभर में जमकर विरोध हो रहा है. बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से सटी सीमाओं को घेरे बैठे हुए हैं और अपनी मांग को मनवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
इसी बीच बिहार के एक किसन ने फसल का सही दाम न मिलने से आहत होकर अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर के रहने वाले किसान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि गोभी की खेती में चार हजार रूपये प्रति कट्टा का खर्च आता है और यहां की मंडी में इसका भाव एक रूपये किलो भी नहीं मिल रहा है.
उसने कहा कि गोभी को मजदूरों से कटवाना पड़ता है और उसके बाद उसे बोरे में पैक कराकर मंडी तक पहुंचाना भी होता है. वहां पर आढ़ती एक रूपये किलो का दाम देने को राजी नहीं हैं. इसी वजह से मजबूर होकर मैने अपने खेतों में ट्रैक्टर चला दिया है. किसान ओम प्रकाश ने बताया कि अब वो गेहूं बोएगा.