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बिकरु कांड में फंसे सीओ के खिलाफ जांच में तेजी आ गई है. पांच सीओ ने जांच अधिकारी के समक्ष अपने बयानों को दर्ज कराया है. इसमें उनकी ओर से कहा गया है कि उनकी विकास दुबे और उसके साथियों के साथ किसी भी तरह की सांढ -गांठ नहीं थी इस पर साफ रुप से इंकार कर दिया गया है.

हालांकि अधिकारियों की ओर से जब पुख्ता सबूत पेश किए गए तो उनकी तरफ से कुछ ना बोला जा सका. कहा जा रहा है कि पांच के अलावा कुछ और सीओे को भी नोटिस जारी किया गया है. लेकिन वो लोग अभी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे है.

बिकरु कांड में 50 से अधिक पुलिसकर्मी फंसे है. इसमें 10 सीओ की पोस्ट पर है. ये सीओ बिल्हौर, रसूलाबाद, नजीराबाद,, सर्किल  में तैनात रहे हैं. एसआईटी ने इन सभी की जांच भूमिका जांचने की सिफारिश की है. आरोप है कि इन सीओ की तैनाती के दौरान विकास दुबे, जय बाजपेई, समेत अन्य साथियों ने आपरपाधिक इतिहास होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस बनवाए हैं.

डीआईजी ने इस मामले की जांच एसपी पश्चिम डा.अनिल कुमार कौ सौंपी थी. एसपी ने इस दौरान सभी सीओ को नोटिस जारी किया था. एसपी के मुताबिक अभी दो ही सीओ के बयान हुए है. बाकी को रिमांडर पर भेजा जाएगा.

जांच मं फंसे सीओ के खिलाफ एसआईटी ने पुख्ता सबूत जुटाए है. ये साक्ष्य जांच अधिकारी को सौंप दिए गए हैं. इसमें सीओ की सीधी भूमिका सामने आ रही है. सीओ के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य बताए जा रहे है. जांच में हालांकि समय लगेगा लेकिन शुरुआती जांच में जो बात सामने आ रही है उससे सीओ पर विभागीय कार्रवाई तय है.

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