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भारत के बेहतरीन क्रिकेटरों में शुमार किए जाने वाले हार्दिक पांडया का जीवन बहुत संघर्ष भरा रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनके संघर्ष के दिनों की कहानी जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. एक समय ऐसा था जब उनके पास ठीक से खाना खाने और बस का टिकट खरीदने तक पैसे नहीं थे. आज वो देश दुनिया में चर्चित हैं.

इंडियन एक्सप्रेस अखबार को दिए गए एक इंटव्यू में हार्दिक पांडया ने बताया था कि आईपीएल में चुने जाने से पहले उनका जीवन किस मुश्किल में था.

उन्होंने कहा कि मैं और मेरा भाई 5 रूपये की मैगी लेते थे और माली से गर्म पानी मांगकर उसमें मैगी बनाकर खाते थे. पूरा दिन इसी मैगी के सहारे बीतता था. इसके बाद सीधा रात में ही खाना मिलता था. ये कोई एक दो दिन नहीं बल्कि साल के 365 दिन का शेड्यूल था.

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उन्होंने कहा कि उनके पास बस का टिकट लेने तक के पैसे नहीं होते थे. उन्होंने कहा कि वो न जाने कितने लोगों से कर्जा लेकर अपना काम चलाते थे. परिवार का गुजर बसर करने के लिए 300-300 रूपये में टूर्नामेंट खेलने जाया करते थे.

हार्दिक ने बताया कि वो बचपन से गरीब नहीं थे, पिता के निधन के बाद उनका परिवार मुश्किल में आ गया था. हार्दिक के पिता का कार फाइनेंस का काम था मगर उनकी बीमारी के कारण उनकी सारी सेविंग खत्म हो गई और अंत में पिता की जान चली गई.

इसके बाद उनका क्रिकेट खेलना भी छूट गया. पांडया खेलते बहुत अच्छा थे, साल 2013 में बड़ौदा क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे थे. इसके बाद उनका आईपीएल में सिलेक्शन हो गया. अब उनके पास पैसे, नाम और शोहरत की कमी नहीं है.

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