देश की सबसे बड़ी अदालत से देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े मामले का फैसला जल्द ही आने वाला है. फैसला आने से पहले केंद्र और यूपी सरकार की ओर से किसी भी स्थिती से निबटने के लिए मुकम्मल इंतेजामात किए जा रहे हैं. मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा है लिहाजा इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यहीं देखने को मिलेगा.

केंद्र सरकार ने किसी भी स्थिती ने निबटने के लिए यूपी में 4000 जवानों को भेजने का आदेश जारी कर दिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियों को यूपी भेजने की मंजूरी दे दी.

अयोध्या मामले में फैसला आने से पहले यूपी पुलिस को भी अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस के जवानों की छुट्टियां रद्द करके सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. सभी जिलों के डीएम और एसएसपी दोनो समुदाय के लोगों के साथ बैठक करके शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं.

यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले में सोशल मीडिया पर भड़का’ऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. हमारा खुफिया तंत्र तैयार है. एक टीम कड़ी निगरानी रख रही है. उधर, अयोध्या प्रशासन ने जिले में जुलूस, प्रदर्श’न, आयोजन पर रोक लगा दी है.

अयोध्या मामले में सुप्रीमको’र्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है. कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं. साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है.

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