राजस्थान में एक आईपीएस जो अब भ्रष्ट अफसरों के लिए काल बन गया है. दिनेश एमएन अब यहां नाम ही काफी है. एक वक्त में दिनेश एमएन सात साल तक सलाखों के पीछे रहे. बाहर आने के बाद दिनेश ने राजस्थान निरोधक ब्यूरो की कमान संभाली और घूसखोर अफसरों से जेल भरदी.

इसपर आईपीएस दिनेश एमएन का कहना है कि यह पहली बार है कि छह महीने में ही सरकार की किसी स्टेट एजेंसी ने रिश्वतखोर एक आईएएस, एक आईपीएस, सात आरएएस व तीन आरपीएस को जेल पहुंचाया. कलेक्टर-एसपी और कई आरएएस अधिकारी तो अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

उन्होंने कहा कि यूं तो रिश्वत लेने व देने वालों के खिलाफ राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है, लेकिन महानिदेशक बीएल सोनी के निर्देशन में हमारी टीमें हर शिकायत को गंभीरता से ले रही हैं. कोई हमें एसीबी की हेल्पलाइन 1064 नंबर व व्हाट्सएप नंबर पर कॉल कर शिकायत कर सकता है.

दिनेश एमएन मूलरूप से कर्णाटक के रहने वाले हैं. 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन वर्तमान में राजस्थान एसीबी में एडीजी पद पर सेवाएं दे रहे हैं. साल 2005 में उदयपुर में जब वे एसपी थे, तब राजस्थान और गुजरात पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर किया गया. इसी मामले में दिनेश एमएन सात साल जेल में रहे.

साल 2014 में जेल से बाहर आए. कुछ समय बाद इन्हें राजस्थान एसीबी में आईजी बनाया गया और वह एक्शन में आ गए. खनन विभाग के सचिव आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को ढाई करोड़ रिश्वत मामले में पकड़ा. यह राजस्थान एसीबी के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक थी.

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