समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. शनिवार को एडीएम कोर्ट से उन्हें करारा झटका लगा है, अदालत ने जौहर ट्रस्ट की 70.05 एकड़ जमीन को प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दे दिया है.

अब तक ये जमीन आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के नाम थी. ये फैसला एडीएम जेपी गुप्ता की कोर्ट ने सुनाया है. बताया जा रहा है कि जौहर यूनिवर्सिटी ने नियमों की अनदेखी करते हुए तकरीबन 70 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी तबकि अनुमति सिर्फ 12.5 एकड़ जमीन खरीदने की ही थी.

सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि अब तहसील के अभिलेखों में ये भूमि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से हटाकर प्रदेश सरकार के नाम पर दर्ज की जाएगी. इस मामले की शिकायत आकाश सक्सेना नाम के शख्स ने एक वर्ष पहले की थी.

कहा ये भी जा रहा है कि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में 170 एकड़ जमीन जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिन शर्तों पर दी गई थी उनमें से किसी भी शर्त को पूरा नहीं किया गया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है, लेकिन पिछले 10 सालों में चैरिटी का कोई काम नहीं हुआ है.

बता दें कि प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद आजम खान को भूमाफिया घोषित कर उनपर 80 से अधिक मुकदमें दर्ज किए हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी है मगर अभी भी वो जेल में ही है. हाल में उनकी पत्नी जेल से रिहा हुई हैं.

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