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कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं, विभिन्न मामलों में अपनी बेबाक टिप्पणी करने वाली कंगना को लेकर लोग भले इस समय उन्हें राजनीति से जोड़ रहे हो लेकिन कंगना रनौत फिल्मी करियर के शुरुआती दौर से लोगों से पंगा लेती रही है, उन्हें अच्छे अभिनय के लिए तीन राष्ट्रीय पुरुस्कार और चार फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुके हैं.

23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक छोटे से कस्बे भांबला में जन्मी कंगना की परवरिश ऐसे परिवार में हुई जहां पर लड़कियों को लेकर ज्यादा छूट नहीं दी जाती थी. उनकी मां आशा रनौत एक स्कूल में बतौर शिक्षित तैनात थी तो पिता अमनदीप रनौत का कारोबार था.

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कंगना की एक बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत है. रंगोली पिछले कई बरस से कंगना के साथ हैं. बचपन से ही अलग स्वभाव की कंगना को कभी भी घर का बंधन रास नहीं आया. बचपन में जब उनके छोटे भाई को खिलौने में बंदूक दी जाती और उन्हें गुड़िया दी जाती तो वह लेने से इंकार कर देती थी इसके अलावा इसका पुरजोर विरोध भी करती थी. उन्हें अपनी मर्जी के हिसाब से जीना और कपड़े पहनना पसंद था.

कंगना ने विरोध के अपने इस गुण को फिल्मी दुनिया में भी बरकरार रखा फिल्मी करियर के दौरान भी ऐसे कई मौके जब आए जब कंगना ने पुरजोर विरोध किया, फिर चाहे मीटू का विवाद हो या फिल्म नगरी में भाई-भतीजावाद का मुद्दे सभी मुद्दों में उन्होंने अपनी बेबात बातों को रखा.

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कंगना का परिवार उन्हें डाक्टर बनाना चाहते थे इसी सपने के साथ उनको चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में विज्ञान विषय के साथ पढाई कर रही थी, अचानक एक दिन उन्हें लगा कि वह इसके लिए नहीं बनी हैं और मात्र 16 साल की उम्र में ही दिल्ली चली गई, कंगना के पिता को उनका ये कदम रास नहीं आया और उन्होंने बेटी से रिश्ता तोड़ लिया.

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