लव जिहाद के बाद अब उत्तर प्रदेश में उसे रोकने के लिए बना कानून भी चर्चा में है. सौ से ज्यादा पूर्व नौकरशाहों ने योगी सरकार को लिखे पत्र में इस कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो यूपी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता था वो अब नफरत की राजनीति का केंद्र बन गया है.

नौकरशाहों ने सीएम योगी को फिर से संविधान पढ़ने की नसीहत भी दे डाली. पूर्व अधिकारियों के इस पत्र पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या भड़क उठे और इसे सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दे दिया.

केशव मौर्या ने कहा कि इस तरह की अपील अब फैशन बन गई है. जब भी नागरिकों के हक में कोई अच्छा काम होता है तो इस तरह की अपील और बयानबाजी शुरू हो जाती है.

उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम सरकार को बदनाम करने के लिए उठाए जाते हैं. ये ठीक उसी तरह है जिस तरह पिछले दिनों कांग्रेस ने दो करोड़ किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कराने के दावे किए थे.

केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि जब भी हम कोई काम करते हें तो अवार्ड वापसी गैंग और टुकड़े-टुकड़े गैंग इकठ्ठा हो जाता है और अपने काम में जुट जाता है.

सीएए और एनआरसी के विषय पर भी ऐसा ही हुआ था. उन्होंने कहा कि पूर्व नौकरशाहों के दिन अब बीत गए हैं, जनता अब जागरूक हो चुकी है.

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