कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध को लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हुए हें. तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि ये कानून वापस लिए जाएं और किसानों की मांगों को माना जाए. आज एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बातचीत हो रही है.
किसानों और सरकार की बातचीत से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सराकार चंद अमीर मित्रों के फायदे के लिए पूरे देश के किसानों को न ठगे और आज की वार्ता में कृषि कानून वापस ले.
उन्होंने कहा कि सच तो ये है कि भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता भी यहीं चाहता है क्योंकि वो आम जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है. इसी के साथ खेत जोतते हुए बैलों की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था.
इससे पहले कल अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा सरकार ने किसानों द्वारा बातचीत के लिए प्रस्तावित दिन की जगह बातचीत की तारीख़ को आगे बढ़ाकर ये साबित कर दिया है कि कड़कड़ाती ठंड में अपना जीवन न्यौछावर कर रहे किसान उनकी प्राथमिकता नहीं हैं. भाजपा लगातार किसानों का तिरस्कार कर रही है. किसान दंभी भाजपा को सड़क पर ले आएँगे.
भाजपा सरकार चंद अमीर मित्रों के फ़ायदे के लिए पूरे देश के किसान को न ठगे और आज की वार्ता में कृषि क़ानून वापस ले. सच तो ये है कि भाजपा का ज़मीनी कार्यकर्ता भी यही चाहता है क्योंकि वो आम जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है.
भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था. pic.twitter.com/hwzTWTGEm3
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 30, 2020