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महाराष्ट्र की सियासत में लगातार उलटफेर होता हुआ नजर आ रहा है. सुप्रीमकोर्ट ने 27 नवंबर को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. जिसके बाद एनसीपी नेता अजीत पवार औऱ उनके तुरंत बाद सीएम देवेंद्र फडनवीस ने इस्तीफा दे दिया.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अजीत पवार ने एनसीपी चीफ शरद पवार के कहने पर अजीत पवार ने इस्तीफा दिया है. इस मामले में कुमार विश्वास ने ट्वीट किया और लिखा कि हर चाचा शिवपाल नहीं होता अजीत बाबू.

गौतरलब है कि 22 नवंबर को शिवसेना, एनसीपी, और कांग्रेस ने शाम को करीब 3 घंटे की बैठक के बाद सीएम के रुप में उद्धव ठाकरे के रुप में मोहर लगा दी थी.  उस दौरान शरद पवार ने सर्वसम्मति से उद्धव ठाकरे के नाम पर मोहर लगा दी थी. वहीं 23 नवंबर की सुबह ही एनसीपी नेता अजीत पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया था.

ऐसे में कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की. जिसके बाद दो दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीमकोर्ट ने आदेश दिया कि 27 नवंबर को 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट करा लिया जाए. जिसके बाद बीजेपी में बैठकों का दौर जारी रहा. 4 घंटे के अंतराल में ही सीएम और डिप्टी सीएम ने इस्तीफा दे दिया.

महाराष्ट्र की सियासत पर कवि कुमार विश्वास भी लगातार नजर बनाए रखे हुए थे. अजीत पवार ने जैसे ही डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दिया, तो कुमार विश्वास ने उनके लिए भी ट्वीट कर विधानसभा चुनाव के दौरान मचे घमासान को निशाने पर ला दिया. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा कि हर चाचा शिवपाल नहीं होता अजीत बाबू.


 

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