पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी के रुप में प्रसिद्ध चंदन सिंह जेल के अंदर गन से मन की ओर नाम की किताब लिख लहा है, उसको किताब लिखने की प्रेरणा गौतमबुद्ध नगर के जेल अधीक्षक से मिली थी, एक समय था जब उसके हाथों में गन के खौफ से हर कोई सहमा रहता था लेकिन अब जल्द ही उनके हाथों में उसके द्वारा लिखी गई किताब होगी.

नोएडा जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने एक अखबार के साथ बातचीत में इन बातों को उजागर किया. कहा कि दो साल पहले ही चंदन जेल में आया था तो उस समय उसके जेल से भागने से लेकर अन्य अपराधों की चर्चा आम थी. उन्होंने कहा कि सुनकर लगा कि आखिर इतना कुख्यात अपराधी कौन है उससे चलकर मिला जाए, कहा कि उससे पहली ही मुलाकात में ही अपराध के जीवन के उसके अच्छे- बुरे कारनामों की कहानियां सुनी.

उसके बाद उससे उसकी जीवनी को कागज में उतारने के लिए कहा जिसे चंदन ने शांत मन से स्वीकार कर लिया, किताब लिखने की बात से उसके मन में बेचैनी थी. आखिर कैसे शुरुआत की जाए, किस प्रकार लिखा जाए. जब उसे इस बात को बताया गया कि आखिर वो अपराध की दुनिया में कैसे आया.

अपराध की दुनिया में आकर उसने क्या पाया और क्या खोया, खुद सोचें, इसके बाद उसने आपराधिक जीवनी लिखने को लेकर प्रण लिया हालांकि उसके किताब का नाम अभी गन से मन की ओर है, किताब अभी पूरी नहीं लिखी जा सकी है जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद ही इसके नाम को पूर्ण रुप से फाइनल किया जाएगा.

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