Image credit- ANI

महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम जारी है. स्थिती ऐसी हो गई है कि कोई नहीं जानता आज शाम क्या होगा. क्या एनसीपी राज्यपाल के दिए गए समय पर सरकार बनाने के लिए नंबर जुटा पाएगी या फिर राज्य राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ जाएगा. जो भी हो आज शाम के बाद सिथती लगभग साफ हो जाएगी.

मामला ये है कि अगर एनसीपी भी तय समय पर सरकार बनाने का दावा नहीं पेश कर पाती है तो क्या राष्ट्रपति शासन लगेगा या कोई अन्य विकल्प भी हैं. संविधान के अनुसार कोई भी फैसला महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ही ले सकते हैं. राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा ये अन्य विकल्प भी मौजूद हैं.

जब तक कि नया मुख्यमंत्री नहीं मिलता तब तक राज्यपाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके देवेंद्र फडणवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए कह सकते हैं.

भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र विधानसभा से अपने नेता को चुनाव के जरिए चुनने को कह सकते हैं. ऐसा उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के आधार पर हो सकता है. साल 1989 में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐसा करने का आदेश दिया था.

राज्यपाल विधानसभा चुनाव परिणामों में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना सकते हैं. ऐसे में भाजपा विधायक मुख्यमंत्री बन सकता है क्योंकि उसके पास सबसे ज्यादा सीटे हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा.

यदि इन तीनों विकल्पों के जरिए भी कोई सरकार नहीं बनती है तो राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश के अलावा और कोई चारा नहीं बचता. यह आखिरी विकल्प है. ऐसी स्थिति में राज्य के विधायी कामकाज की बागडोर केंद्र सरकार के हाथ में आ जाएगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here