सपा को हराने के लिए भाजपा को वोट देने वाला बयान अब मायावती के गले की हड्डी बनता दिख रहा है. मायावती के इस बयान का असर मुस्लिम मतदाताओं पर पड़ सकता है. मुस्लिम वोटर बसपा से छिटक कर सपा और कांग्रेस की ओर रूख कर सकता है. मायावती को भी अब इस बात का बखूबी अंदाजा हो गया है. यही वजह है कि अब मायावती अपने बयान को लेकर सफाई देने में जुट गई हैं.
आज उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को आश्वासन दिया कि वो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगी. उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस मुस्लिमों को भड़का रही हैं. मायावती ने साफ तौर पर कहा कि वो राजनीति से सन्यास ले लेंगी मगर कभी बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगी.
दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर को दिए गए बयान को लेकर सपा और कांग्रेस पार्टी भाजपा-बसपा गठबंधन की अफवाह उड़ा रहे हैं. ये लोग मुसलमानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
मायावती ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए किसी मजबूत प्रत्याशी को वोट देने की बात कही थी. बसपा सुप्रीमो ने ये भी साफ किया कि वो अभी राजनीति से सन्यास नहीं ले रही हैं. उन्होंने कहा कि वो किसी के दबाव से झुकने वाली नहीं हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश और बिहार में भी चुनाव हैं. मायावती के इस बयान से उन्हें नुकसान हो सकता है.