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पंजाब के रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को तीन मामलों में बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया है. एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट की ओर से तीन मामलों में मुख्तार अंसारी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.

हालांकि मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की गाजीपुर में होटल गजल की खरीद फरोख्त फर्जीवाड़े के मामले में मुश्किलें बड़ गई जिसमें कोर्ट की ओर से दोनों की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया गया है.

इन तीन मामलों में बरी हुआ मुख्तार अंसारी 

मुख्तार अंसारी को जिन तीन मामलों में कोर्ट की ओर से बरी किया गया है. उनमें से एक मामला 28 अप्रैल 2003 का है. उस वक्त लखनऊ के जेलर एसके अवस्थी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

आलमबाग थाने में दर्ज मामले में मुख्तार पर जेलर से गाली-गालौज करते हुए पिस्तौल तानने का आरोप लगा था. इसके अलावा उनके खिलाफ साल 1999 में तत्काकीन डीआईजी एसपी सिंह पुंढीर ने कृष्षा नगर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके साथ ही गैंग्स्टर एक्ट के तहत हजरतगंज कोतवाली में भी एक मामला दर्ज किया था.

इन सभी मामलों में साक्ष्यों के अभाव में मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया गया है. जहां एक तरफ पिता मुख्तार अंसारी को कोर्ट की ओर से राहत मिली है तो उसके दोनों बेटों की मुश्किलों में इजाफा भी हो गया है.

गाजीपुर नगर के महुआबाग स्थित गजल होटल की भूमि में खरीद फरोख्त के मामले में की गई हेराफेरी को संज्ञान में लेते हुए मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुख्तार के दोनों बेटों की ओर से न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की गई है जिसे कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया गया है.

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