उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना के बाद विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. इसी बीच अब भाजपा के अंदर से भी शासन प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठने लगी है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने राज्यपाल को पत्र लिखकर डीजीपी, डीएम और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अपने पत्र में लिखा कि मैं समझता हूं देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक ये पहली घटना है जिसमें पुलिस प्रशासन ने शीर्ष अधिकारियों के इशारे पर बिना परिवार को भरोसे में लिए शोकाकुल परिजनों के अर्थी को कंधा देने एवं मुखाग्नि देने तक का मौलिक अधिकार छीनते हुए सनातन धर्म के मूल्यों एवं अंतिम क्रिया कर्म को तिलांजलि देने का कार्य हाथरस के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया है.

जबकि सनातन धर्म में सूर्यास्त के उपरांत अंतिम संस्कार की मनाही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सेवाभाव की मिसाल पेश कर जनता के दिल में जो जगह बनाई थी उसे लखनऊ में बैठे शीर्ष अधिकारियों और राजनैतिक दलों के नेताओं के सिंडिकेट ने गहरी साजिश रचकर नुकसान पहुंचाया है.

नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि मैंने इस सिंडिकेट के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ को साक्ष्यों के साथ पत्र लिखकर अवगत कराया था लेकिन उनपर कार्रवाई करने के बजाए उन अधिकारियों को पदोन्नति दी गई.

भाजपा विधायक ने ये पत्र सीएम योगी को न लिखकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखा है. उन्होंने इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजी है.

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